"'त्रिभंग' फिल्म रिव्यु : तीन पीढ़ियों की जटिल भावनाओं की संवेदनशील कहानी!"
15 जनवरी को रिलीज़ होने वाली 'त्रिभंग' एक हिंदी फिल्म है, जिसका निर्देशन रेणुका शहाणे ने किया है। ये एक मल्टीस्टारर फिल्म है। ये फिल्म तीन पीढ़ियों की महिलाओं—नयनतारा आप्टे (तन्वी आज़मी), उनकी बेटी अनुराधा आप्टे (काजोल), और उनकी पोती माशा मेहता (मिथिला पालकर) के बीच रिलेशन्स और स्ट्रगल की कहानी दर्शको को दिखा रही है।
- कहानी:
फिल्म की कहानी नयनतारा आप्टे के कोमा में जाने से शुरू होती है, जिससे उनकी बेटी अनुराधा और पोती माशा के जीवन में काफी उथल-पुथल मच जाती है। यह कहानी उनके फॅमिली रिलेशन्स, पर्सनल स्ट्रगल, और समाज की रूढ़िवादिता के अगेंस्ट उनकी लड़ाई को दिखती है।
- अभिनय:
काजोल ने अनुराधा के रूप में एक इंडिपेंडेंट थिंकिंग वाली महिला की भूमिका को बेहतरीन ढंग से निभाया है। तन्वी आज़मी और मिथिला पालकर ने भी अपने-अपने किरदारों में गहराई और संवेदनशीलता जोड़ी है देखा जाय तो सभी कलाकारों ने अपने अभिनय को अच्छे से निभाया है।
- निर्देशन:
रेणुका शहाणे ने तीन पीढ़ियों की महिलाओं के बीच टिपिकल रिलेशन को संवेदनशीलता और समझदारी के साथ प्रस्तुत किया है। फिल्म की कहानी और निर्देशन में उनकी पकड़ स्पष्ट दिखाई देती है।
- संगीत:
फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर कहानी के मूड के साथ मेल खाता है, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है। इसका संगीत फैंस को इसे देखने पर मजबूर कर देता है।
- कन्क्लूज़न:
'त्रिभंग' एक संवेदनशील और विचारोत्तेजक फिल्म है, जो मां-बेटी के रिश्तों की जटिलताओं और समाज में महिलाओं की स्थिति पर रोशनी डालती है। यदि आप पारिवारिक ड्रामा और मजबूत महिला किरदारों वाली कहानियों के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म आपके लिए उपयुक्त हो सकती है।
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